आंवला को आयुर्वेद में अमृतफल या धात्रीफल कहा गया है। वैदिक काल से ही आंवला (phyllanthus emblica) का प्रयोग औषधि के रूप में किया जा रहा है।
पेड़-पौधे से जो औषधि बनती है उसको काष्ठौषधि कहते हैं और धातु-खनिज से जो औषधि बनती है उनको रसौषधि कहते हैं। इन दोनों तरह की औषधि में आंवला का इस्तेमाल किया जाता है। यहां तक कि आंवला को रसायन द्रव्यों में सबसे अच्छा माना जाता है यानि कहने का मतलब ये है कि जब बाल बेजान और रूखे-सूखे हो जाते हैं तब आंवला का प्रयोग करने पर बालों में एक नई जान आ जाती है। आंवला का पेस्ट लगाने पर रूखे बाल काले, घने और चमकदार नजर आने लगाते हैं।
चरक संहिता में आयु बढ़ाने, बुखार कम करने, खांसी ठीक करने और कुष्ठ रोग का नाश करने वाली औषधि के लिए अमला का उल्लेख मिलता है। इसी तरह सुश्रुत संहिता में आंवला के औषधीय गुणों के बारे में बताया गया है. इसे अधोभागहर संशमन औषधि बताया गया है, इसका मतलब है कि आंवला वह औषधि है, जो शरीर के दोष को मल के द्वारा बाहर निकालने में मदद करता है। पाचन संबंधित रोगों और पीलिया के लिए आंवला (Indian gooseberry) का उपयोग किया जाता है। इसे कई जगहों पर अमला नाम से भी जाना जाता है।
आंवला के फायदे
बालों की समस्या में आंवले के फायदे
आपने कई बार सुना होगा कि आंवला बालों के लिए काफी लाजवाब चीज है. ये बात बिलकुल सच है. आंवला बालों के लिए टोनिक का काम करता है. जिन लोगों को डैंडर्फ की समस्या, बाल टूटने और झड़ने की समस्या या फिर बालों का सफेद होना इन सभी चीजों में आंवला काफी लाजवाब चीज है. इसके लिए आपको आंवला का रस मुल्तानी मिट्टी में मिक्स करना होगा और फिर उसे सिर पर लगाना होगा. कुछ देर बात सिर को धो दें. ये बालों को मुलायम और नर्म बना देगा.
आंखों की बीमारी में आंवला के फायदे
आंवला में कैरोटीन पाया जाता है जो आंखों की रोशनी बढ़ाने का काम करता है. इसके साथ ही उम्र के साथ आंकों में आने वाले खराब बदलावों को भी कम करने का काम करता है.
नाक से खून बहने की समस्या में फायदेमंद आंवला
नाक से खून बहने की समस्या अनेक कारणों से हो सकती है। इसमें आंवला फायदेमंद होता है। जामुन, आम तथा आंवले को कांजी आदि के साथ बारीक पीस लें। इसे मस्तक पर लेप करने से नकसीर (नाक से खून बहने की समस्या) में लाभ होता है।
आंवला खून साफ करने काम भी करता है. ये नसों को मजबूती देता है और साथ ही उन्हें सिकुड़ने नहीं देता. आंवला में कई एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो बॉडी को डिटॉक्सीफाई करते हैं. बॉडी को डिटॉक्सिफाई करने में आंवले का मुरब्बा भी काफी फायदेमंद माना जाता है.
त्वचा रोग में फायदेमंद आंवला
आंवला त्वचा के लिए काफी लाभकारी माना जाता है. जो लोग डल और ड्राई स्किन की समस्या से परेशान हैं उनके लिए आंवला किसी तोहफे से कम नहीं है. अगर आप आंवला को रोजाना के रूटीन का हिस्सा बनाएंगे तो आपको स्किन में काफी बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे. इसके लिए आप आंवला जूस का इस्तेमाल कर सकते हैं. या फिर आप इसे साबुत भी खा सकते हैं. रोजाना एक या दो आंवले का सेवन ही काफी है.
प्रमेह (डायबिटीज) में आंवला या अमला के फायदे
इसके अलावा आंवला डायबिटीज में भी काफी लाभकारी माना जाता है. जिन लोगों को हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या है उनके लिए भी आंवला बेहतरीन चीज है. ऐसे लोग हर रोज इस सुपरफूड को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं
इम्यून सिस्टम को बनाये मज़बूत
आंवला विटामिन सी से भरपूर होता है। यही कारण है कि आंवला आपके शरीर में एक अद्भुत इम्युनिटी बूस्टर बनाता है। आंवला विटामिन ए, पॉलीफेनोल्स, अल्कलॉइड्स और फ्लेवोनोइड्स – क्वेरसेटिन और केम्पफेरोल से भी भरा हुआ होता है। एक रिसर्च के अनुसार आंवला व्हाइट ब्लड सेल्स की संख्या में बढ़ोत्तरी करता है, इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता है और टॉक्सिन्स को शरीर से बाहर निकाल कर रक्षा तंत्र को मज़बूत बनाता है। अगर आप प्रतिदिन आंवला खाते हैं तो उससे हानिकारक बैक्टीरिया और सूजन से शरीर की रक्षा होती है। इसके अलावा रोजाना खाली पेट आंवला खाने से सर्दी-जुकाम और खांसी से भी बचाव होता है।
पेट के स्वास्थ्य के लिए बेहतर
आयुर्वेद में आंवले का बड़ा महत्व है। आयुर्वेद के अनुसार अगर आप सुबह की शुरुवात आंवला से बनी किसी भी रेसिपी के साथ करते हैं तो ये आपकी सेहत के लिए रामबाण से कम नहीं है। आंवला शरीर को डिटॉक्सिफाई करता है और तमाम खराब तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। आंवला फाइबर से भरपूर होता है इसलिए ये बोवेल मूवमेंट को नियंत्रित करता है और डाइजेस्टिव जूसेज के उत्पादन को भी बढ़ाता है। यह शरीर को नुट्रिएंट्स के बेहतर अवशोषण में भी सहायक होता है। अगर आप आईबीएस, कब्ज या आंत की किसी भी समस्या से पीड़ित हैं तो आपको अपने सिस्टम को साफ करने के लिए सुबह आंवले का जूस ज़रूर पीना चाहिए।
कन्क्लूज़न
आंवला एक बहुत ही फायदे का फल है, अब ये बात तो आप जान ही गए होंगे। घरेलू नुस्खों के साथ ही आंवले को आयुर्वेद में भी बहुत मान्यता दी गई है। महिलाओं के लिए प्रेग्नेंसी में आंवला बहुत फायदे का होता है। आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथों में महिलाओं की प्रजनन क्षमता में सुधार के लिए आंवला खाने की सलाह दी गई है।
यह टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है, मेंस्ट्रुअल साइकिल को नियंत्रित करता है और हार्मोनल संतुलन बनाये रखता है। यह पीसीओएस के नकारात्मक प्रभावों जैसे मोटापा, अनचाहे बालों के विकास आदि को रोकने में भी सहायक होता है। आप अगर चाहें तो आज ही से आंवले का लाभ उठा सकते हैं। अपने परिवार और अपना बहुत ध्यान रखियेगा।
गठिया के दर्द से दिलाये राहत आंवला
गठिया में जोड़ों में दर्द और सूजन हो जाता है। इस परेशानी से सबसे ज्यादा बड़े-बूढ़े ग्रस्त होते हैं। इसमें 20 ग्राम सूखे आंवले और 20 ग्राम गुड़ लें। इसे 500 मिली पानी में उबाल लें। 250 मिली पानी शेष रहने पर छानकर सुबह शाम पिएं। इससे गठिया में लाभ होता है। इस दौरान नमक का सेवन ना करें।
हार्ट के लिए अच्छा
डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, ‘आंवले में मौजूद क्रोमियम बीटा ब्लॉकर के प्रभाव को कम करते हैं। इससे आपका हार्ट मजबूत और हेल्दी बनता है। यही नहीं आंवला खराब कॉलेस्ट्रोल को खत्म कर अच्छे कॉलेस्ट्रोल को बनाने में हेल्प करता है।’
आंवले में मौजूद कुछ मिनरल और विटामिन सामूहिक रूप से पीरियड्स में होने वाली ऐंठन के उपचार में बहुत उपयोगी होते हैं। इसके अलावा महिलाओं को पीरियड्स में कई तरह की प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ता है, जिनमें अनियमित पीरियड्स, पेट व कमर में दर्द, ज्यादा ब्लीडिंग शामिल हैं। ऐसे में आंवला खाना बेहद फायदेमंद है। अगर रोजाना आंवला खाया जाए तो आंवले में मौजूद विटामिन और मिनरल पीरियड्स से जुड़ी समस्यओं से छुटकारा दिला देते हैं।
गले में खराश के लिए आंवला के फायदे
गले में खराश होने पर आंवले का उपयोग आपको फायदा पंहुचा सकता है।आंवला में लवण रस को छोड़ कर सभी पांच रस (मधुर-अम्ल -कटु -तिक्त -कषाय) होते है। अतः इसके मधुर और कषाय रस के कारण ये गले की खराश को कम करने में सहायता करता है। अगर गले में खराश सूजन के कारण है तो इसका शीत गुण और मधुर शोथ या सूजन को कम कर गले को आराम देता है।
आंवला से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1-आंवला के सेवन से क्या नुकसान होता है?
सामान्यतः आंवला का प्रयोग करने से किसी प्रकार का कोई दुष्प्रभाव नहीं देखा गया है, लेकिन इसकी तासीर शीत होने के कारण इसका सर्दी में फल रूप में प्रयोग करने से बचना चाहिए।
2-आंवले की तासीर क्या है?
आंवले एक प्रकार का स्वादिष्ट फल होता है। जिसमें आयुर्वेद के अनुसार लवण रस को छोड़कर पांचों रस पाए जाते हैं, जिसमें अम्ल और कषाय प्रधान होता है। आंवले की तासीर शीत यानि ठंडी होती है अर्थात इसके सेवन से शरीर शीतल होती है।
3- क्या आंवला खाने से इम्यूनिटी बढ़ती है?
आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार, आंवले में कई ऐसे गुण होते हैं जो हमारे शरीर की रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ाने में मदद करते हैं. सर्दियों में सर्दी-जुकाम के साथ-साथ कई छोटी मोटी समस्याएं होती ही रहती हैं, ऐसे में अगर आप नियमित रूप से आंवले का सेवन करें तो इससे शरीर की इम्यूनिटी बढ़ जाती है. इम्यूनिटी मजबूत होने से इन सभी समस्याओं के होने की संभावना कम हो जाती है.
4- सर्दियों में आंवले का सेवन कैसे करें?
सर्दियों के दिनों में आप आंवले का सेवन कई तरीकों से कर सकते हैं। आप चाहें तो सीधे फल खा सकते हैं या फिर इसका जूस पी सकते हैं। सर्दियों में अधिकांश लोग इम्यूनिटी और शरीर की ताकत बढ़ाने के लिए च्यवनप्राश का सेवन करते हैं। च्यवनप्राश का मुख्य घटक भी आंवला ही होता है, इसलिए अगर आपको आंवले के फल या जूस का स्वाद पसंद नहीं है तो च्यवनप्राश के रूप में इसका सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा बाज़ार में मिलने वाले आंवले के चूर्ण, कैंडी , कैप्सूल और मुरब्बे का भी उपयोग किया जा सकता है।
5- सर्दियों में आंवले का जूस कब पीना चाहिए?
आयुर्वेदिक चिकित्सकों का मानना है कि सर्दियों के दिनों में हर उम्र के लोगों को नियमित आंवले के जूस का सेवन करना चाहिए। इसके नियमित सेवन से पेट के रोग दूर होते हैं और शरीर स्वस्थ रहता है। रोजाना सुबह नाश्ते से पहले आंवले का जूस पीना ज्यादा फायदेमंद होता है।