तुलसी के फायदे, उपयोग और औषधीय गुण

हिंदू तुलसी के उपचारों को सबसे पवित्र मानते हैं। अधिकांश हिंदू घरों में तुलसी का पौधा होता है और लोग प्रतिदिन संस्थान के बाद इसकी पूजा करते हैं। तुलसी, जिसे वृंदा के नाम से भी जाना जाता है, एक देवी और श्री विष्णु की पत्नी हैं। इसलिए, वह हमेशा विष्णु के विभिन्न अवतारों से संबंधित त्योहारों से जुड़ा होता है, जो इस ग्रह पर जीवन का निर्वाह करता है। कुछ सिद्धांतों के अनुसार, तुलसी पृथ्वी पर देवी लक्ष्मी का रूप है।

तुलसी 5 प्रकार की होती है जो नीचे बताई गयी है।

1. श्याम तुलसी

2. राम तुलसी

3. श्वेत/विष्णु तुलसी

4. वन तुलसी

5. नींबू तुलसी

यदि इन तुलसी के पांचों प्रकारों को मिलाकर इनका अर्क निकाला जाए, तो यह पूरे विश्व की सबसे प्रभावकारी और बेहतरीन दवा बन सकती है। यह एक एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटी-फ्लू, एंटी-बायोटिक, एंटी-इफ्लेमेन्ट्री व एंटी–डिजीज की तरह कार्य कर सकती है। यानि यह काफी लाभदायी हो सकती है।

तुलसी में खड़ी मंजरियाँ उगती हैं। इन मंजरियों में छोटे-छोटे फूल होते हैं। देव और दानवों द्वारा किए गए समुद्र मंथन के समय जो अमृत धरती पर छलका, उसी से तुलसी की उत्पत्ति हुई। ब्रह्मदेव ने उसे भगवान विष्णु को सौंपा। भगवान विष्णु के पूजन के समय तुलसी पत्रों का हार उनकी प्रतिमाओं को अर्पण किया जाता है। श्रीकृष्ण अथवा विष्णुजी तुलसी पत्र के बिना नैवेद्य स्वीकार नहीं करते।

तुलसी के उपयोग

 

तुलसी की पत्तियों को सबसे ज्यादा गुणकारी माना जाता है। इसकी पत्तियों का चूर्ण बनाकर और बीज का प्रयोग भी किया जा सकता है। आप पत्तियों को सीधे भी खा सकते है।

अदरक और शहद के साथ तुलसी मिलाकर हर्बल चाय बनाकर सर्दियों में पीया जाता है। बुखार, पेट दर्द और संक्रमण जैसी बिमारियों में भी इसका उपयोग किया जाता है।

तुलसी के फायदे

1] झड़ते बालों के लिए उपयोगी

आज के समय में बालों का झड़ना एक आम समस्या बनती जा रही है। शहरी माहौल में प्रदूषण और काम के स्ट्रेस के कारण लोगों को सिर से बाल तेजी से गायब होते जा रहे हैं। आज हर दूसरा व्यक्ति इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसकी एक बड़ी वजह खानपान और लाइफस्टाइल का खराब होना भी है। लेकिन, कुछ घरेलू  उपायों को अपनाकर आप बालों के झड़ने की प्रक्रिया को कुछ कम कर सकते हैं। इसके लिए आप घरों में आसानी से उपलब्ध होने वाली तुलसी का उपयोग कर सकते हैं। भारत में तुलसी का इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है। सेहत के लिए फायदेमंद होने के साथ ही तुलसी बालों के लिए भी उपयोगी होती है। हेयर केयर एक्सपर्ट रिया वशिष्ट के अनुसार बालों को झड़ने से बचाने के लिए आप तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल कर सकते हैं। आगे जानते हैं इसके फायदे और इस्तेमाल का तरीका।

 हृदय रोग

इसका सेवन करने से हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है और हृदय को स्वस्थ बनाये रखता है।

सर्दी-खांसी में –

तुलसी की पत्तियों (Basil leaves in hindi) से बने शर्बत को आधी से डेढ़ चम्मच की मात्रा में बच्चों को तथा 2 से चार चम्मच तक बड़ों को सेवन कराने से, खांसी, श्वास, कुक्कुर खांसी और गले की खराश में लाभ होता है। इस शर्बत में गर्म पानी मिलाकर लेने से जुकाम तथा दमा में बहुत लाभ होता है। इस शरबत को बनाने के लिए कास-श्वास-तुलसी-पत्र (मंजरी सहित) 50 ग्राम, अदरक 25 ग्राम तथा कालीमिर्च 15 ग्राम को 500 मिली जल में मिलाकर काढ़ा बनाएं, चौथाई शेष रहने पर छानकर तथा 10 ग्राम छोटी इलायची बीजों के महीन चूर्ण मिलाकर 200 ग्राम चीनी डालकर पकाएं, एक तार की चाशनी हो जाने पर छानकर रख लें और इसका सेवन करें।

दिमाग के लिए फायदेमंद हैं तुलसी की पत्तियां 

दिमाग के लिए भी तुलसी के फायदे लाजवाब तरीके से काम करते हैं। इसके रोजाना सेवन से मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ती है और याददाश्त तेज होती है। इसके लिए रोजाना तुलसी की 4-5 पत्तियों को पानी के साथ निगलकर खाएं।

सिर दर्द से आराम दिलाती है तुलसी

अधिक काम करना या अधिक तनाव में रहना सिरदर्द होना एक आम बात है। अगर आप भी अक्सर सिर दर्द की समस्या से परेशान रहते हैं तो तुलसी के तेल की एक दो बूंद नाक में डालें। इस तेल को नाक में डुबाए गए पुराने सिर दर्द और सिर से जुड़े अन्य सामानों में आराम मिलता है। सबसे बड़ी बात यह है कि तुलसी के उपयोग का तरीका सही होना चाहिए।

सिर के जूँ और लीख से छुटकारा 

अगर आपके सिर में जुएं पड़ गये हैं और कई दिनों से यह समस्या ठीक नहीं हो रही है तो बालों में तुलसी का तेल लगाएं। तुलसी के पौधे से तुलसी की पत्तियां लेकर उससे तेल बनाकर बालों में लगाने से उनमें मौजूद जूं और लीखें मर जाती हैं। तुलसी के पत्ते के फायदे, तुलसी का तेल बनाने में प्रयोग किया जाता है।

 कान दर्द और सूजन में राहत

यह कान के दर्द और सूजन को कम करने का काम करती है। तुलसी पत्र स्वरस को गर्म कर ले इसकी २ – २ बून्द कान में डालने पर दर्द से मुक्ति मिलेगी। कान के पीछे हो रही सूजन में तुलसी पत्ती के साथ एरंड की कोंपलों को पीस ले इसमें नमक मिला ले इस लेप को गुनगुना करके लगाएं।

तनाव से मुक्ति

तुलसी में एंटीस्ट्रेस गुण पाए जाते है। शरीर में पाया जाने वाला कॉर्टिसोल हॉर्मोन जिसे स्ट्रेस हार्मोन कहते है उसे नियंत्रित करने में तुलसी सहायक होती है।

दस्त में आराम

दस्त से परेशान होने पर आप इसका उपयोग जरूर करे। जीरे के साथ तुलसी के पत्तों को पीस ले। दिन में इसे ३ – ४ बार खाये इससे दस्त रुक जाएंगे।

चोट लगने पर

इसमें एंटी-बैक्टीरियल तत्व पाए जाते है जो घाव को ठीक करने में मददगार साबित होते है। फिटकरी और तुलसी के पत्ते दोनों को साथ में मिलाकर लगाने से घाव जल्दी भर जाता है।

वजन कम करने में सहायक

तुलसी के पत्ते के फायदे में वजन कम करना भी शामिल है। तुलसी रस का शरीर का वजन कम करने के साथ बी लक्षण और शरीर में इंसुलिन को नियंत्रित करता है।

रतौंधी में लाभ

तुलसी रस के फायदे रतौंधी में भी होते है। २ से ३ बून्द तुलसी पत्र स्वरस को आँखों में डालने से फायदा होता है। आप चाहे तो तुलसी ड्राप खरीदकर भी इसका इस्तेमाल कर सकते है। तुलसी ड्राप के फायदे रतौंधी ठीक करने में होते है।

 चेहरे की आभा

तुलसी की पत्तियों को पीसकर इसका लेप या रस चेहरे पर लगाने से चेहरे की चमक बढ़ती है और कील मुहांसे भी ठीक होते है।

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